मध्यप्रदेश, भारत का दिल, अपने विशाल क्षेत्रफल और विविध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश में कितने जिले हैं? अक्सर हम अपने ही राज्य के बारे में कुछ मूलभूत जानकारियां भूल जाते हैं। इस लेख में, हम मध्यप्रदेश के जिलों, उनकी विशेषताओं और अन्य रोचक तथ्यों पर चर्चा करेंगे, जिससे आपको अपने राज्य के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।
मध्यप्रदेश के जिले 2024 में
मध्यप्रदेश, राजस्थान के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। इसे “भारत का दिल” भी कहा जाता है। वर्तमान में, मध्यप्रदेश में कुल 55 जिले हैं। हाल ही में, पांढुर्ना को 2023 में जिला घोषित किया गया था। राज्य में समय-समय पर नए जिले बनते रहते हैं, जिससे जिलों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जिलों की सूची और उनके नाम
मध्यप्रदेश के 55 जिलों के नाम इस प्रकार हैं:
- जबलपुर
- कटनी
- भोपाल
- सीधी
- बड़वानी
- ग्वालियर
- धार
- हरदा
- शिवपुरी
- मंदसौर
- रायसेन
- शाजापुर
- विदिशा
- श्योपुर
- अशोक नगर
- सतना
- गुना
- खंडवा
- डिंडोरी
- नर्मदापुरम
- सिंगरौली
- उमरिया
- रतलाम
- राजगढ़
- देवास
- छतरपुर
- अलीराजपुर
- बुरहानपुर
- भिंड
- सागर
- नीमच
- दतिया
- पन्ना
- सीहोर
- खरगोन
- रीवा
- सिवनी
- शहडोल
- दमोह
- टीकमगढ़
- झाबुआ
- इंदौर
- मुरैना
- नरसिंहपुर
- बालाघाट
- मंडला
- छिंदवाड़ा
- बैतूल
- अनुपपुर
- आगर
- निवाड़ी
- नागदा
- चांचौड़ा
- मेहगांव
- पांढुर्ना
मध्यप्रदेश के 10 संभाग
मध्यप्रदेश को 10 संभागों में विभाजित किया गया है:
- भोपाल संभाग
- जबलपुर संभाग
- इंदौर संभाग
- ग्वालियर संभाग
- सागर संभाग
- उज्जैन संभाग
- शहडोल संभाग
- चंबल संभाग
- रीवा संभाग
- नर्मदापुरम संभाग
प्रमुख जिलों की विशेषताएँ
छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा जिला, जिसका क्षेत्रफल 11,815 वर्ग किलोमीटर है।
भोपाल: मध्यप्रदेश का सबसे छोटा जिला, जिसका क्षेत्रफल 2,272 वर्ग किलोमीटर है।
रीवा: सफ़ेद शेरों की भूमि और पूर्व विंध्य की राजधानी। यहाँ का बीहड़ नदी जलप्रपात और महामृत्युंजय मेला प्रसिद्ध है।
सीधी: संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान और प्रतिहारो व कलचुरियो के ऐतिहासिक धरोहरों का स्थल।
सिंगरौली: मध्यप्रदेश की कोयला राजधानी, यहाँ की ऐतिहासिक गुफाएँ और देवसर की पहाड़ियाँ प्रसिद्ध हैं।
डिंडोरी: गोंड और बैगा जनजाति का निवास, रानी अवंतीबाई की ऐतिहासिक भूमि।
उमरिया: 1998 में गठित, बांधवगढ़ उद्यान और हर्रा से भिलावा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध।
जबलपुर: देश का पहला विकलांग पुनर्वास केंद्र और अशोक द्वारा लिखे गए अभिलेखों के लिए प्रसिद्ध।
कटनी: चुना नगरी, 1998 में जबलपुर से अलग होकर स्वतंत्र जिला बना।
बालाघाट: धन उत्पादन और नक्सली गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध, यहाँ बैगा जाति के लोग पाए जाते हैं।
मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताएँ
मध्यप्रदेश में विभिन्न संस्कृतियों के बीच एकता की मिसाल देखने को मिलती है। यहाँ की प्रमुख नदियाँ जैसे नर्मदा, सोन, सिंध, चंबल, बेतवा, तवा, ताप्ती, शिप्रा और काली सिंध हैं। राज्य में धार्मिक मंदिरों की भी अधिकता है, जैसे उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, जो श्रद्धालुओं के लिए शक्ति का केंद्र है।
मध्यप्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव हैं। राज्य में कर्क रेखा भी स्थित है, जो इसे भूगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है। मध्यप्रदेश अपने विभिन्न भाषाओं और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है, जिससे यह एक समृद्ध और विविध राज्य बनता है।