GSTजीएसटी पुरे देश में लागु होने वाला वो टेक्स सर्विस है जो की देश में व्यापर को एक जुट और सामान बनाता है। इसे मॉल पर लगने वाला टेक्स भी कहा जाता है। जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो की विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओ और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। यह जीएसटी कर 2016 में लागु हुआ कर है। जीएसटी का मतलब गुड्स सर्विस टैक्स है। यह टैक्स देशभर में किसी भी मैन्युफैक्चरिंग और सेलिंग पर लागू किया जाता है।
जीएसटी से जनता को क्या फायदा है
GST टैक्स का जाल और रेट कम होगा। जहा पहले 30 % से 35 % टैक्स देना पड़ता था वही जीएसटी में आपको कम टैक्स लगेगा। जीएसटी लागु होने जहा अलग अलग राज्यों में अलग अलग दाम पर किसी वस्तु को बेचा जाता था। जीएसटी के बाद उस वस्तु को केवल उसके सही दाम पर बेचा जायेगा। जनता को इस कर से बेहद ही लाभ हो सकता है जिससे की आपसे कोई भी एक रूपया ज्यादा नहीं ले सकता जीएसटी लग जाने का मतलब है की वो प्राइस ही मुख्या प्राइस है किसी भी वस्तु का।
जीएसटी किन राज्यों में लागु है
जीएसटी लगभग देश के सभी राज्यों में लागु है शुरुवात में इसे केवल 10 राज्यों में ही लगी किया गया था लेकिन अब यह पुरे देश में लागु है ,जीएसटी होने से किसी भी राज्य में माल पर अधिक मूल्य नहीं लगाया जा सकता है। इसीलिए यह सभी के लिए फायदेमंद सबीय हो गया है।
दुकानदार के लिए जीएसटी नियम
जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं:
- सामान्य डीलर:
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठा सकते हैं।
- वस्तुओं और सेवाओं पर 5% से 28% तक जीएसटी देय होगा।
- 100 रुपये के उत्पाद पर 18% जीएसटी होने पर 18 रुपये जीएसटी देना होगा।
- मासिक/तिमाही रिटर्न दाखिल करना होगा।
- कंपोजिशन डीलर:
- ITC का लाभ नहीं उठा सकते।
- वस्तुओं और सेवाओं पर 1% से 6% तक जीएसटी देय होगा।
- 100 रुपये के उत्पाद पर 1% जीएसटी होने पर 1 रुपये जीएसटी देना होगा।
- तिमाही रिटर्न दाखिल करना होगा।
कंपोजिशन डीलर को मिलने वाले फायदे:
- कम जीएसटी देयता:
- कंपोजिशन डीलर को सामान्य डीलर की तुलना में कम जीएसटी देय होता है।
- 100 रुपये के उत्पाद पर 18% जीएसटी के बजाय 1% जीएसटी देय होगा।
- ITC का लाभ नहीं:
- कंपोजिशन डीलर को ITC का लाभ नहीं उठा सकते, जिससे उन्हें GST रिटर्न दाखिल करने में आसानी होती है।
- सरल रिटर्न दाखिल:
- कंपोजिशन डीलर को तिमाही रिटर्न दाखिल करना होता है, जबकि सामान्य डीलर को मासिक/तिमाही रिटर्न दाखिल करना होता है।
- नकदी प्रवाह में सुधार:
- कम जीएसटी देयता और सरल रिटर्न दाखिल करने से कंपोजिशन डीलर के नकदी प्रवाह में सुधार होता है।
जीएसटी कंपोजिशन डीलर बनने के लिए योग्यता:
- वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
- अंतरराज्यीय आपूर्ति नहीं करनी चाहिए।
- ई-कॉमर्स के माध्यम से आपूर्ति नहीं करनी चाहिए।
जीएसटी में कंपोजिशन डीलर को कई फायदे मिलते हैं, जैसे कम जीएसटी देयता, ITC का लाभ नहीं, सरल रिटर्न दाखिल और नकदी प्रवाह में सुधार। यदि आपका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आप अंतरराज्यीय या ई-कॉमर्स आपूर्ति नहीं करते हैं, तो आप कंपोजिशन डीलर बनने पर विचार कर सकते हैं।
जीएसटी क्या है, जीएसटी का फुल फॉर्म ?
जीएसटी का फुल फॉर्म Goods and Services Tax है और जीएसटी नंबर के लिए आवेदन करने के लिए कोई फीस नहीं लगती है। आप अपना रजिस्ट्रेशन जीएसटी पोर्टल पर जाकर आसानी से कर सकते है