मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने डाटा एंट्री ऑपरेटरों के मानदेय भुगतान में हो रही देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के संचालक श्री के.के. द्विवेदी द्वारा जारी सर्कुलर में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि आउटसोर्स डाटा एंट्री ऑपरेटरों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता है तो संबंधित प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी.
यह सर्कुलर 13 मई 2024 को जारी किया गया है, जिसमें संचालनालय द्वारा पूर्व में जारी किए गए निर्देशों का हवाला दिया गया है. पत्र संख्या क/आईटी/20-21/149/122 दिनांक 10.12.21 एवं पत्र क/आईटी/ 22-23 123/74 दिनांक 12/8/2 में डाटा एंट्री ऑपरेटरों की उपस्थिति और वेतन भुगतान के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए थे.
इन निर्देशों के अनुसार, प्राचार्य को अपनी संस्था में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों की मासिक उपस्थिति के आधार पर उनके पारिश्रमिक के भुगतान हेतु उपस्थिति पत्रक जिला शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन माध्यम से भेजना होता है. जिला शिक्षा अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि जिलों की उपस्थिति की जानकारी को एकीकृत करके एमपीकॉन लिमिटेड को मेल आईडी [email protected] पर भेजें .
हालांकि, संचालनालय ने पाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों की उपस्थिति एमपीकॉन लिमिटेड को समय पर नहीं भेज रहे हैं. इस लापरवाही के कारण आउटसोर्स पर कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को समय पर मानदेय भुगतान नहीं हो पा रहा है.
डाटा एंट्री ऑपरेटरों के मानदेय भुगतान में हो रही इस देरी को गंभीरता से लेते हुए संचालनालय ने सभी प्राचार्यों (सीएम राइज सहित) को निर्देश दिया है कि वे डाटा एंट्री ऑपरेटरों की हर माह की 16 तारीख से वर्तमान माह की 15 तारीख तक की उपस्थिति, माह की 20 तारीख तक अनिवार्य रूप से जिला शिक्षा अधिकारी को ईमेल के माध्यम से भेजें .
जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर उपस्थिति को एकीकृत कर उस माह की 22 तारीख तक एमपीकॉन लिमिटेड को ईमेल आईडी [email protected] पर अनिवार्य रूप से भेजें और उसकी प्रति संचालनालय के ईमेल आईडी [email protected] पर भी भेजें .
संचालनालय ने इस सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए. निर्देशों का उल्लंघन करने वाले प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी.
यह सर्कुलर डाटा एंट्री ऑपरेटरों के लिए एक राहत की बात है. उम्मीद है कि इस सख्त रवैये के बाद डाटा एंट्री ऑपरेटरों को समय पर उनका मानदेय मिलने लगेगा.