ग्वालियर जिले में बाल भिक्षावृत्ति की कुप्रथा को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिला कलेक्टर के आदेश पर, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के लिए विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों और अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिला बाल संरक्षण की बैठक में माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा जिले में भिक्षावृत्ति में लिप्त अवयस्क बालक / बालिकाओं की दस्तयाबी हेतु भिक्षावृत्ति अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए थे।
यह अभियान जिले में बच्चों के पुनर्वास के लिए बनाई गई नीति 2022 के अनुसार चलाया जा रहा है। इस नीति के तहत, बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और बच्चों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने का प्रावधान है।
अभियान के तहत, जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे अमलेश्वर मंदिर, कोटेश्वर मंदिर, साई बाबा मंदिर, रेलवे स्टेशन, मेला ग्राउंड, और अन्य प्रमुख स्थानों पर शिक्षकों और अधिकारियों की टीमें तैनात की जाएंगी। ये टीमें बच्चों का पता लगाएंगी, उनके परिवारों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे, और उन्हें समाज में पुनर्वासित करेंगे।
अभियान 27 मई से शुरू होकर 7 जून तक चलेगा। इस अभियान के लिए शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों और शिक्षकों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। ड्यूटी के लिए नामित कुछ प्रमुख अधिकारी हैं: