मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग में काम करने वाले सैंकड़ों पटवारी और राजस्व निरीक्षक आने वाले दिनों में सस्पेंड किए जाएंगे और उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। यह कार्रवाई नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले के तहत की जा रही है। कई पटवारी और राजस्व निरीक्षकों ने खेतों और अन्य भवनों को नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग के रूप में प्रस्तुत किया।
पटवारियों की भूमिका
नर्सिंग कॉलेज की मान्यता से पहले पटवारी और राजस्व निरीक्षक कॉलेज भवन का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करते हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही कॉलेज को मान्यता मिलती है। जांच के दौरान कई गड़बड़ियां पाई गई हैं:
- कुछ कॉलेज किराए की बिल्डिंग में चल रहे थे, जबकि रिपोर्ट में निजी भवन बताया गया।
- कुछ कॉलेजों के पास छोटे प्लॉट थे, लेकिन रिपोर्ट में बड़ी बिल्डिंग का उल्लेख था।
- कुछ कॉलेज तो मौके पर मिले ही नहीं; रिपोर्ट में जहां बिल्डिंग बताई गई थी, वहां खेत थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार, राजस्व विभाग ने गड़बड़ियों में शामिल पटवारी और राजस्व निरीक्षकों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में 16 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी विवादित कॉलेजों का फिर से सीमांकन कर नई रिपोर्ट बनाई जाएगी।