भोपाल स्थित सीएम राइस हायर सेकंडरी स्कूल, बीएचईएल में पदस्थ डॉक्टर रेणुका पवार, एक अनुभवी उच्च माध्यमिक शिक्षिका और एनसीसी अधिकारी हैं। उन्हें 21 दिसंबर, 2023 को स्कूल के प्रशासनिक ट्रांसफर के तहत हायर सेकंडरी स्कूल, जहांगीरिया भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया था। यह ट्रांसफर डॉ. पवार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ, क्योंकि सीएम राइस, बीएचईएल में एनसीसी यूनिट का संचालन होता है, और डॉ. पवार को अपनी एनसीसी क्षमताओं के कारण इस स्कूल में पोस्टिंग दी गई थी।
जहांगीरिया स्कूल में एनसीसी यूनिट न होने के कारण, यह ट्रांसफर डॉक्टर पवार की एनसीसी भूमिका को बाधित करता था। अपने अधिकारों की रक्षा के लिए, डॉक्टर पवार ने उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका दायर की और ट्रांसफर के खिलाफ राहत की मांग की।
उच्च न्यायालय में पैरवी के दौरान, डॉक्टर पवार के वकील, श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट का ध्यान स्कूल शिक्षा की प्रचलित ट्रांसफर नीति की ओर आकर्षित किया। उन्होंने तर्क दिया कि एनसीसी अधिकारियों का ट्रांसफर केवल उन स्कूलों में ही किया जा सकता है जहां एनसीसी यूनिट संचालित हो।
वकील श्री चतुर्वेदी ने कोर्ट को ग्रुप कैप्टन आरएस जाधव द्वारा दिनांक 09 जनवरी, 2023 को लिखे गए पत्र को भी पेश किया। यह पत्र आयुक्त लोक शिक्षण को लिखा गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि एनसीसी अधिकारी की नियुक्ति से पहले उप महानिदेशक एनसीसी की सहमति जरूरी है। हालांकि, डॉ. पवार का ट्रांसफर इस सहमति के बिना ही किया गया था।
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद, आयुक्त लोक शिक्षण को डॉ. पवार के मामले में निर्णय लेने का आदेश दिया। साथ ही, अदालत ने डॉक्टर पवार को सीएम राइस, बीएचईएल, भोपाल में रहने का आदेश दिया, जब तक कि आयुक्त लोक शिक्षण इस मामले में नया आदेश जारी नहीं करते।
यह मामला एनसीसी अधिकारियों के ट्रांसफर के संबंध में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। एनसीसी के महत्व और इन अधिकारियों की विशिष्ट भूमिकाओं को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि प्रशासन ऐसे नियमों का पालन करे जो इनके कर्तव्यों और क्षमताओं को प्रभावित नहीं करें।