जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने 18 वर्ष आयु वाले उन सभी उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षक पद हेतु नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2020 की पात्रता परीक्षा पास कर ली थी। विवाद की स्थिति इसलिए बनी क्योंकि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने 18 वर्ष की उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल करने के बाद नियुक्ति के समय न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष निर्धारित कर दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष प्रस्तुत किया था।
हाई कोर्ट ने 13 याचिकाओं पर कॉमन ऑर्डर जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की डिवीजन बैच क्रमांक एक के कार्यवाहक मुख्य न्यायामूर्ति श्री संजीव सचदेवा तथा जस्टिस श्री विनय सराफ की खंडपीठ द्वारा 2022 से लंबित 13 याचिकाओं को कामन आदेश जारी कर आज दिनांक 01/08/2024 को निराकृत कर दिया गया है। उक्त याचिकाओं के याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 की पात्रता परीक्षा 18 वर्ष की आयु में उत्तीर्ण कर चुके थे, तत्पश्चात डीपीआई एवं ट्राईबल वेलफेयर विभाग द्वारा लगभग 18 हजार पदों की भर्ती हेतु संयुक्त काउंसलिंग की गई तथा नियम पुस्तिका जारी कर दिनांक 1 जनवरी 2022 की स्थिति में नियुक्ति हेतु अभ्यर्थी की मिनिमम 21 वर्ष आयु निर्धारित की गई थी, जिसके कारण याचिकाकर्ता गणो को सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया में शामिल करके अंत में यह कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया की आपकी निर्धारित आयु 21 वर्ष से कम है।
हाई कोर्ट ने आयु सीमा नहीं घटाई बल्कि गणना की तारीख बदल दी
जिससे पीड़ित होकर डी.पी.आई द्वारा जारी निर्देशिका तथा भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। उक्त याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करके कमिश्नर लोक शिक्षण शिक्षण संचनालय को अंतरिम आदेश पारित करके याचिका कर्ताओ को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश पारित किया गया था। याचिका क्रमांक WP 14489/2023 करीना उइके 14076/23, अंकिता इरपाचे 2394/23, जिज्ञासा साहू 16314/23 रक्षा माली तथा WP 27745/2022 हरिकेश बिसेन से लिंक अन्य याचिकाओं की आज अंतिम सुनवाई करते हुए समस्त याचिकाओं को निराकृत कर हाईकोर्ट की डिवीजन बैच ने डी.पी.आई. को निर्देशित किया है, कि 01/01/2024 की स्थिति में याचिकाकर्ताओ की आयु की गणना करके नियुक्ति पत्र जारी किए जाए। याचिका कर्ताओ की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं दिनेश चौहान ने पैरवी की।