MP News: ग्वालियर हाई कोर्ट की डबल बेंच ने स्वर्णरेखा नदी पुनर्जीवन परियोजना से संबंधित सुनवाई में कार्यपालन यंत्री राकेश रावत को जमकर फटकार लगाई।
मंगलवार को हुई सुनवाई में, जस्टिस रोहित आर्य ने नगरीय प्रशासन विभाग, भोपाल के कार्यपालन यंत्री राकेश रावत से सवाल पूछे। हालांकि, रावत अधिकांश सवालों का जवाब देने में विफल रहे।
कोर्ट की तीखी टिप्पणियां
रावत के जवाबों से नाराज जस्टिस आर्य ने तीखी टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, “आप यहां TA-DA लेकर आए हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि आपके एफिडेविट में क्या लिखा है। क्या आप इंजीनियर हैं या अनपढ़? अपर आयुक्त विजयराज को हटाकर आपको प्रभारी अधिकारी बनाया गया था, लेकिन आप भी उतने ही नालायक साबित हुए। नाम के इंजीनियर हैं, जो भोपाल में बैठे-बैठे सब भूल गए।”
सरकार से तनख्वाह लेने का क्या औचित्य?
जस्टिस आर्य ने आगे कहा, “आप सरकार से तनख्वाह क्यों ले रहे हैं? क्या बाबूगीरी करने के लिए या पोस्टमैन का काम करने के लिए? आपके काम करने के तरीके खराब हो गए हैं। आप सब सिर्फ कागजों पर काम करते हैं और फिर अदालत से डांट सुनते हैं। अपने प्रशासन को कहिए कि ऐसे डफरों को न भेजें।”
अंग्रेजी नहीं आती तो अनुवाद करवाएं
अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी से बात करते हुए, कोर्ट ने कहा, “अगर आपको अंग्रेजी नहीं आती, तो एक ऐप से अनुवाद करवा लें। हमें सपोर्ट करने का मतलब यह नहीं है कि काम नहीं होगा। हमारी आदेश पत्र वेस्ट ऑफ पेपर नहीं हैं। जो हम लिखते हैं, सोच-समझकर लिखते हैं।”
याचिकाकर्ता विश्वजीत रतोनिया ने एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि स्वर्णरेखा नदी परियोजना में अनियमितता हुई है। इससे पहले की सुनवाई में भी, अदालत ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को इस मामले में फटकार लगाई थी।