मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक बार फिर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने छिंदवाड़ा के पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह घटना जिले में एक बार फिर से भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है और जनता में नाराजगी पैदा कर रही है।
शिकायतकर्ता गुलफाम अंसारी ने अपनी बहन के नाम से एक प्लॉट खरीदा था। यह प्लॉट चिकली कला में स्थित 9000 वर्ग फीट का है। प्लॉट की रसीद बनवाने के लिए पटवारी कमल गढ़ेवाल ने गुलफाम से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। गुलफाम ने जब इस अन्यायपूर्ण मांग का विरोध किया तो पटवारी ने उन्हें धमकाने की कोशिश की।
गुलफाम अंसारी ने जबलपुर लोकायुक्त से इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त टीम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एक योजना बनाई। टीम ने पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया।
लोकायुक्त टीम ने पटवारी को परासिया तहसील परिसर के पास से गिरफ्तार किया। टीम ने पहले से ही प्लान बनाया था, जिसके अनुसार उन्होंने गुलफाम को रंग लगे नोट दिए। जब पटवारी ने रिश्वत स्वीकार की तो टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद टीम ने पटवारी के हाथ धुलवाए जिससे पानी का रंग गुलाबी हो गया। इस कार्रवाई में लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके, इंस्पेक्टर भूपेंद्र कुमार दीवान एवं 5 अन्य सदस्य शामिल थे।
लोकायुक्त टीम ने पटवारी के कब्जे से 7 हजार रुपए जब्त किए हैं। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।