मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा पर अपने बजट का 10% से भी ज़्यादा खर्च कर रही है, लेकिन फिर भी शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। साल 2024 में जब मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, भोपाल ने हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के सालाना परीक्षा के नतीजे जारी किए, तो पूरे मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की जाँच शुरू हो गई। छिंदवाड़ा में 50-20 फॉर्मूले के तहत दस्तावेजों की जाँच चल रही है, वहीं डिंडोरी में 29 शिक्षकों की नौकरी जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
ट्राइबल डिपार्टमेंट अयोग्य शिक्षकों की तलाश
मध्य प्रदेश ट्राइबल डिपार्टमेंट अयोग्य शिक्षकों की जानकारी इकट्ठा कर रहा है। डिंडोरी जिले के मेहंदवानी विकासखंड के शिक्षा अधिकारी ने 29 ऐसे शिक्षकों के बारे में बताया है जो अयोग्य हैं। इनमें से 12 शिक्षक शराब के नशे में स्कूल आते हैं। 5 शिक्षकों की दो पत्नियाँ हैं। 3 शिक्षकों की दो पत्नियाँ हैं और वो शराब पीकर स्कूल आते हैं, और 9 शिक्षक लंबे समय से अपने काम पर अनुपस्थित रहते हैं। ये आंकड़े सिर्फ डिंडोरी जिले के एक ही विकासखंड के हैं। ट्राइबल डिपार्टमेंट ने सभी स्कूलों से जानकारी मांगी है।
नेतागिरी करने वाले शिक्षकों का क्या होगा?
मध्य प्रदेश सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि वो शिक्षक क्या करें जो स्कूल में तो आते हैं, लेकिन क्लास में बच्चों को नहीं पढ़ाते, बल्कि राजनीति में हस्तक्षेप करते हैं। ऐसे शिक्षकों का क्या इलाज किया जाए? ये शिक्षक सरकार के लिए बड़ी परेशानी बन गए हैं। वो ग्राम पंचायत के चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक को प्रभावित करते हैं। न खुद काम करते हैं, न ही दूसरे शिक्षकों को काम करने देते हैं।