मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसके चलते शिक्षा विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। जिला कलेक्टर ने बीआरसीसी अरुण राय, एमआईएस श्रवण साहू और डीए आपरेटर उपमा बर्वे को उनके पदों से हटाकर जिला शिक्षा केंद्र में अटैच कर दिया है। इसके साथ ही बीएसी मनोज नाग और गजेन्द्र बघेल की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें मूल पदस्थापना पर भेज दिया गया है।
व्हाट्सएप ग्रुप बना इसकी वजह
मामला व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से चुनाव प्रचार से जुड़ा है। दरअसल, बीआरसीसी अरुण राय और उनकी टीम ने प्राइवेट स्कूल संचालकों से संवाद के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसका नाम “BRCC PRIVET SEONI” था। आरोप है कि इसी ग्रुप में उन्होंने एक विशेष राजनीतिक दल का प्रचार किया और एक उम्मीदवार को वोट देने की अपील की। इतना ही नहीं, ग्रुप की डीपी में भी उम्मीदवार का नाम लिखा गया था।
आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत मिलने के बाद सहायक रिटर्निंग अधिकारी, लोकसभा क्षेत्र क्र. 15-बालाघाट (विस क्षेत्र क्र.115-सिवनी) ने इसकी जांच की। जांच में पाया गया कि शिकायत सही है और व्हाट्सएप ग्रुप में 11 अप्रैल को दोपहर 2:33 बजे राजनीतिक पोस्ट की गई थी। ग्रुप की डीपी में राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक नेता का नाम लिखा गया था।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद, जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने ग्रुप एडमिन बीआरसीसी अरुण राय, MIS श्रवण साहू और डीए आपरेटर उपमा बर्वे को जनपद शिक्षा केंद्र से हटाकर जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय में संलग्न कर दिया है। साथ ही, बीएसी मनोज नाग और बीएसी गजेन्द्र बघेल की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें तत्काल प्रभाव से मूल पदस्थापना संस्था में भेज दिया गया है।
आचार संहिता का महत्व
चुनाव आयोग द्वारा जारी आचार संहिता का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराना है। आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकारी कर्मचारियों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।