मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक अतिथि शिक्षक को चुनावी ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में पद से हटा दिया गया है। यह घटना तेंदूखेड़ा संकुल के माध्यमिक विद्यालय धनगोर में घटी, जहाँ नितिन पाराशर नामक अतिथि शिक्षक को जिला निर्वाचन अधिकारी ने सेवा समाप्ति का आदेश दिया। यह आदेश 28 अप्रैल 2024 को जारी किया गया, यानी उनकी सेवा समाप्ति के ठीक दो दिन पहले। इस घटना ने अतिथि शिक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर बहस छेड़ दी है, खासकर चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी के संदर्भ में।
नितिन पाराशर, जो विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में भी नियुक्त थे, पर विधानसभा क्षेत्र जबेरा के मतदान केंद्र क्रमांक 262 के पीठासीन अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में पाराशर पर चुनावी ड्यूटी के दौरान लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया था। इस शिकायत के आधार पर, जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार कोचर ने तत्काल प्रभाव से पाराशर को अतिथि शिक्षक के पद से हटाने का आदेश दिया।
हालांकि पाराशर को पद से हटा दिया गया है, लेकिन इस कदम की प्रासंगिकता पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षकों की सेवाएं वैसे भी 30 अप्रैल को समाप्त हो रही थीं। इस प्रकार, पाराशर को केवल दो दिन के वेतन का नुकसान हुआ। इसके अलावा, अगले शिक्षा सत्र में अतिथि शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी, और मौजूदा नियमों के अनुसार, अनुशासनहीनता के आरोप में हटाए गए शिक्षकों को नियुक्ति से वंचित करने का कोई प्रावधान नहीं है।