मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने आयुष विभाग के अंतर्गत व्याख्याता पदों की भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। यह बदलाव उन उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है जिन्होंने इन पदों के लिए आवेदन किया था। आइए इस बदलाव के कारणों और प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।
मध्य प्रदेश शासन के आयुष विभाग में विभिन्न विषयों के व्याख्याताओं के रिक्त पदों को भरने के लिए MPPSC द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के आधार पर होगा। यदि आवेदकों की संख्या 500 से कम होती है, तो अर्हता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी और उसी के अनुसार उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
आवेदन पत्रों की प्रारंभिक जाँच के दौरान, MPPSC ने पाया कि कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा जारी स्नातकोत्तर परीक्षा की अंकसूची में कुल अंकों और प्राप्तांकों का उल्लेख नहीं किया गया था। इस वजह से, मेरिट सूची तैयार करना और उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर शॉर्टलिस्ट करना संभव नहीं था।
इस समस्या के समाधान के लिए, मध्य प्रदेश शासन के आयुष विभाग ने MPPSC को पत्र लिखकर नई चयन प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया। इस पत्र के अनुसार, अब व्याख्याता पदों के लिए उम्मीदवारों को स्नातक स्तर पर प्राप्त अंकों के प्रतिशत के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। इसका मतलब है कि अब स्नातकोत्तर परीक्षा के अंकों की बजाय स्नातक परीक्षा में प्राप्त अंकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- उम्मीदवारों के लिए अवसर: यह बदलाव उन उम्मीदवारों के लिए एक नया अवसर प्रदान करता है जिनके स्नातकोत्तर परीक्षा में अंक कम थे लेकिन स्नातक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
- पारदर्शिता और निष्पक्षता: स्नातक स्तर के अंकों के आधार पर चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकता है, क्योंकि यह सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान मानदंड होगा।
- गुणवत्तापूर्ण चयन: स्नातक स्तर के अंक उम्मीदवार की शैक्षणिक क्षमता का एक अच्छा संकेतक हो सकते हैं। इस प्रकार, नई प्रक्रिया से योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।