PravaahPravaah
  • HomeHome
  • Madhya Pradesh
  • Trending
Reading: खुरई नगरपालिका और देवेंद्र रैकवार की एक दशक लंबी वेतन की लड़ाई
Share
Font ResizerAa
PravaahPravaah
Font ResizerAa
Search
  • HomeHome
  • Madhya Pradesh
  • Trending
Pravaah © 2024 All Rights Reserved.
Madhya Pradesh

खुरई नगरपालिका और देवेंद्र रैकवार की एक दशक लंबी वेतन की लड़ाई

Last updated: 20/04/2024
Kumar
Share
nagarpalika-news
SHARE

मध्य प्रदेश के सागर जिले की खुरई नगरपालिका और उसके एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी देवेंद्र रैकवार के बीच पिछले एक दशक से चल रही वेतन की लड़ाई आखिरकार हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है। इस मामले ने न केवल श्रमिक अधिकारों के संघर्ष को उजागर किया है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की जटिलताओं और प्रशासनिक उदासीनता की भी पोल खोली है।

नौकरी से बर्खास्तगी और कानूनी लड़ाई का हुआ आगाज़

देवेंद्र रैकवार की कहानी 2003 में शुरू होती है, जब उन्हें खुरई नगरपालिका में भृत्य के पद पर दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्त किया गया। 2011 में, अचानक मौखिक आदेश के जरिए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। इस अन्याय के खिलाफ देवेंद्र ने श्रम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 2014 में, श्रम न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए नगरपालिका को उन्हें एक महीने के भीतर सेवा में बहाल करने और 50% बकाया वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया।

यह भी पढ़ें:  MP Teacher News: हाई कोर्ट का आदेश EWS के रिक्त पदों पर भर्ती जल्द शुरू कीजाए

न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट नगरपालिका ने हाई कोर्ट में अपील दायर की। इस दौरान देवेंद्र के लिए मुश्किल समय जारी रहा। आखिरकार, 2021 में, हाई कोर्ट ने नगरपालिका की याचिका खारिज कर दी और देवेंद्र को सेवा में वापस ले लिया गया। हालाँकि, बकाया वेतन के भुगतान का मामला अभी भी अनसुलझा ही रहा।

नगरपालिका द्वारा बकाया वेतन का भुगतान न करने पर देवेंद्र ने कई बार अभ्यावेदन प्रस्तुत किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः, उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने देवेंद्र की दलीलों और श्रम न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए नगरपालिका को 45 दिनों के भीतर बकाया वेतन का भुगतान ब्याज सहित करने का आदेश दिया।

देवेंद्र रैकवार की जीत न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह मामला प्रशासनिक संस्थाओं को भी जवाबदेह ठहराने और श्रमिक अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देता है।

यह भी पढ़ें:  सरकारी शिक्षक को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर सस्पेंड

You Might Also Like

MPPSC 2023 EXAM APPLICATION – हेतु ऑनलाइन आवेदन की लिंक जारी

कलेक्टर का आदेश शिक्षक रोके बाल भिक्षावृत्ति

इंदौर में जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही

मध्य प्रदेश में 730 पीएमश्री स्कूल बनेंगे, 219 करोड़ मंजूर।

मध्य प्रदेश के सागर में शासकीय शिक्षक ने की आत्महत्या

TAGGED:खुरई नगरपालिका
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
By Kumar
मैं आठ वर्षों के अनुभव के साथ प्रवाह में एक वरिष्ठ लेख लेखक हूं। मुझे ऑटोमोबाइल व्यवसाय, सरकारी योजना, ट्रेंडिंग न्यूज़ और सरकार से संबंधित समाचारों के बारे में लिखने में रुचि है।
Previous Article Action against officers and employees of education department सिवनी में आचार संहिता उल्लंघन, शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई
Next Article mp-guest-teacher-news दमोह जिले में अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्ति, चुनावी ड्यूटी में लापरवाही का आरोप
Leave a comment Leave a comment

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Recent Posts

  • मुख्यमंत्री की सभी योजनाएं MP मध्य प्रदेश
  • आज का बैतूल मंडी भाव Betul Mandi Bhav
  • मध्य प्रदेश में अगले 10 दिनों का मौसम
  • एटीएम से पैसे निकालना और बैंकिंग प्रक्रिया की सुविधाएं
  • मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी
PravaahPravaah
Follow US
Pravaah © 2024 All Rights Reserved.
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • About Us
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?