मध प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। 17 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से करीब 5.64 लाख छात्रों का परिणाम असंतोषजनक रहा। इस असंतोष के कारण, 66,000 से अधिक छात्रों ने अपने परिणामों को चुनौती दी, जो कुल असंतुष्ट छात्रों का लगभग 12% है।
जारी होंगे सुधारित परिणाम
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के करीब 66,000 छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है, जबकि 18,000 छात्रों ने अपनी उत्तरपुस्तिकाओं की जाँच का अनुरोध किया है। आवेदन प्राप्त होने के क्रम में उत्तरपुस्तिकाओं की जाँच की जा रही है। छात्रों को परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के भीतर आवेदन करने का समय दिया गया था। अब एक महीना बीत चुका है, और पुनर्मूल्यांकन के बाद सुधारित अंकसूचियाँ तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही सुधारित परिणाम जारी किए जाएँगे।
छात्र असंतोष कम अंक और गलत मूल्यांकन
मध्य प्रदेश 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 24 अप्रैल को घोषित किए गए थे। 10वीं में 58.10% और 12वीं में 64.49% छात्र पास हुए। दोनों कक्षाओं में 3.76 लाख छात्र फेल हुए, जबकि 1.88 लाख छात्रों को पूरक परीक्षा में शामिल होना पड़ा। कम अंक मिलने से नाराज छात्रों ने परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के भीतर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्रों का कहना है कि उन्होंने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है, फिर भी कुछ विषयों में अपेक्षा से कम अंक मिले हैं। कुछ छात्र गलत मूल्यांकन की शिकायत भी कर रहे हैं।
अंकसूचियों में सुधार तीन महीने का समय
मध्य प्रदेश 10वीं और 12वीं बोर्ड के छात्रों को जल्द ही उनकी अंकसूचियाँ मिलेंगी। अंकसूचियों में किसी प्रकार की लिपिकीय त्रुटि होने पर, परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से तीन महीने तक उसे ठीक करने के लिए निःशुल्क व्यवस्था है। तीन महीने के बाद, सुधार के लिए शुल्क देना होगा।
शिक्षकों पर जुर्माना एक गलती पर 100 रुपये का दंड
पुनर्मूल्यांकन में यदि छात्रों के नंबर बढ़ते हैं, तो संबंधित शिक्षकों पर प्रति नंबर बढ़ने पर 100 रुपये का दंड लगाया जाएगा।