मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह महंगी भत्ता देने का फैसला हो तो गया है लेकिन इस निर्णय का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्या सचिव श्रीमती वीरा राणा ने लगातार दूसरी बार कर्मचारियों की महंगाई भत्ता फाइल लौटा दी है।
चुनाव के पहले वोटिंग के समय सरकार ने अनुमति मांगी थी।
Mp News : विधान सभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव आयोग से कर्मचारियों के लिए 4 % भत्ता बढ़ाने के लिए अनुमति मांगी थी। वोटिंग से चार दिन पहले धनतेरस के दिन 12नवंबर को राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन तब आयोग ने यह कहकर रोक लगा दी थी की अभी 17 नवंबर को चुनाव होने तबतक के लिए इस प्रस्ताव को स्थगित रखा जाए। इसके बाद सरकार ने चुनाव आयोग को चुनाव तक प्रस्ताव ही नहीं भेजा। बाद में इसे लेकर एक बार फिर फाइल चली लेकिन इस बार भी फाइल वापिस लौटा दी गई। अब कर्मचारी इसीलिए आक्रोशित है क्योकि केंद्र सरकार फिर से भत्ता देने वाली है लेकिन राज्य सरकार आनाकानी कर रही है।
मध्य्रपदेश सरकार में भी केंद्र के जैसे ही महंगाई भत्ता देने की परमपरा रही है। आचार सहित के दौरान छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने जुलाई 2023 से 4 % महंगाई भत्ते का लाभ दे दिया है। मध्यप्रदेश में 7 .50 लाख सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता न मिलने से प्रभावित हो रहे है।