मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी जून में रिटायर होने के बाद जुलाई में मिलने वाले इंक्रीमेंट के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई बदलाव नहीं किया है, जिसकी वजह से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी न्यायालय का सहारा लेना पड़ रहा है।
हाल ही में हाईकोर्ट ने 54 कर्मचारियों को इंक्रीमेंट देने का आदेश दिया है, जिसमें 2006 से लेकर 2023 तक जून के महीने में रिटायर हुए अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
और यह सिर्फ़ इतना ही नहीं, 30 जून 2024 को रिटायर होने वाले कर्मचारियों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
इनमें कुछ नाम हैं: श्री राम कृष्ण केवट (डीएसपी, स्पेशल आर्म्ड फोर्सेस, भोपाल), श्री भुवाल तिवारी (सब इंस्पेक्टर, भोपाल), श्री सूर्यकांत त्रिपाठी (हेड कांस्टेबल, भोपाल), श्री राम सिंह (हेड कांस्टेबल, भोपाल), श्री अशोक कुमार सुब्बा (सबइंस्पेक्टर, भोपाल), श्री हरिराम सेन (हेड कांस्टेबल भोपाल) और श्री भारत यादव (हेड कांस्टेबल, भोपाल)।
हाईकोर्ट के वकील अमित चतुर्वेदी ने बताया है कि पुलिस विभाग के 7 कर्मचारी अधिकारी 30 जून 2024 को रिटायर होने वाले हैं। कोर्ट ने कहा है कि 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को जुलाई में इंक्रीमेंट का लाभ तभी मिलेगा जब वे कोर्ट में याचिका दायर करेंगे क्योंकि कोर्ट का आदेश सिर्फ याचिका दायर करने वाले पेंशनर्स पर लागू होता है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, देर से याचिका दायर करने वालों को केवल तीन साल का एरियर्स भुगतान किया जाएगा।
इससे साफ है कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी अपनी हक़दारी पाने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ रहा है।