PravaahPravaah
  • HomeHome
  • Madhya Pradesh
  • Trending
Reading: सागर जिले में नवनियुक्त शिक्षिका की सेवा समाप्ति, कर्तव्य की अनदेखी का गंभीर परिणाम
Share
Font ResizerAa
PravaahPravaah
Font ResizerAa
Search
  • HomeHome
  • Madhya Pradesh
  • Trending
Pravaah © 2024 All Rights Reserved.
Madhya Pradesh

सागर जिले में नवनियुक्त शिक्षिका की सेवा समाप्ति, कर्तव्य की अनदेखी का गंभीर परिणाम

Last updated: 05/05/2024
Kumar
Share
teacher-job-news-mp
SHARE

मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक नवनियुक्त महिला प्राथमिक शिक्षिका की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक आर्य द्वारा लिया गया यह कड़ा निर्णय, कर्तव्यपालन के प्रति उदासीनता और लापरवाही का एक गंभीर परिणाम है।

अनुपस्थिति और लापरवाही की दास्तां

राहतगढ़ क्षेत्र में नियुक्त नेहा खेरवार नामक यह शिक्षिका 17 अगस्त 2023 को कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात बिना किसी पूर्व सूचना के लगातार अनुपस्थित रही। उनके इस गैरजिम्मेदाराना व्यवहार का सिलसिला यहीं नहीं थमा। अप्रैल माह में आयोजित मतदान दल के प्रशिक्षण में भी उनकी अनुपस्थिति दर्ज की गई, जिसके कारण उन्हें स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, जिससे उनकी लापरवाही और उदासीनता और भी उजागर हुई।

शिक्षिका की लगातार अनुपस्थिति और गैरजिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए, जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जाँच के निर्देश दिए। जाँच के दौरान पाया गया कि नेहा खेरवार 18 अगस्त 2023 से बिना किसी अधिकृत कारण के लगातार अनुपस्थित हैं। इसी आधार पर कलेक्टर ने उनकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए।

यह भी पढ़ें:  मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों वेतन वृद्धि के लिए नया सीपीआई इंडेक्स जारी

यह घटना शिक्षा जगत के लिए एक गंभीर चेतावनी है। एक शिक्षक का पद समाज में सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक होता है। बच्चों के भविष्य को संवारने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों से कर्तव्यनिष्ठा और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है। नेहा खेरवार का यह कृत्य न केवल उनके पेशे के प्रति अपमानजनक है, बल्कि उन बच्चों के साथ भी अन्याय है जो उनके मार्गदर्शन और शिक्षा के अधिकारी थे।

यह घटना शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करती है। क्या चयन प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के चरित्र और कर्तव्यपरायणता का आकलन सही ढंग से हो रहा है? क्या केवल शैक्षणिक योग्यता ही पर्याप्त है, या व्यक्तिगत गुणों और मूल्यों को भी महत्व दिया जाना चाहिए? यह एक ऐसा प्रश्न है जिस पर शिक्षा विभाग को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

You Might Also Like

MP Van Vibhag Bharti 2024: मध्यप्रदेश वन विभाग में निकली 8वीं पास उम्मीदवारों के लिए बंपर भर्ती ,निःशुल्क करे आवेदन।

MPPSC PCS 2024 : एमपी पीएससी के लिए शुरू हुआ आवेदन ,नया सिलेबस हुआ अपडेट फिजिक्स और केमिस्ट्री हटे

अतिथि शिक्षकों की जानकारी अपडेट हेतु GFMS PORTAL पर लिंक ओपन

MP Teacher Recruitment 2018: शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यार्थियों को मिली बड़ी राहत ,हाई कोर्ट ने दिए आदेश।

जबलपुर कलेक्टर सक्सेना के बालक अमोल का निधन, भीषण गर्मी ने ली जान

TAGGED:MADHYAPRADESH NEWSMP NEWS:mp teacher news
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
By Kumar
मैं आठ वर्षों के अनुभव के साथ प्रवाह में एक वरिष्ठ लेख लेखक हूं। मुझे ऑटोमोबाइल व्यवसाय, सरकारी योजना, ट्रेंडिंग न्यूज़ और सरकार से संबंधित समाचारों के बारे में लिखने में रुचि है।
Previous Article Gwalior Education Department salary scam of Rs 47 lakh ग्वालियर शिक्षा विभाग 47 लाख का वेतन घोटाला
Next Article atithi-shik-shak हरदा में शिक्षा का गिरता स्तर, परिवारवाद और अतिथि शिक्षक नियुक्तियाँ बन रही बाधा
Leave a comment Leave a comment

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Recent Posts

  • मुख्यमंत्री की सभी योजनाएं MP मध्य प्रदेश
  • आज का बैतूल मंडी भाव Betul Mandi Bhav
  • मध्य प्रदेश में अगले 10 दिनों का मौसम
  • एटीएम से पैसे निकालना और बैंकिंग प्रक्रिया की सुविधाएं
  • मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी
PravaahPravaah
Follow US
Pravaah © 2024 All Rights Reserved.
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • About Us
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?