मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में एक और विवाद सामने आया है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों की राज्य स्तरीय अंतिम पदक्रम सूची में वरिष्ठता के संबंध में गंभीर अनियमितताओं के चलते सत्यापन अभियान शुरू किया है।
यह कदम शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों के बाद उठाया गया है, जिसमें वरिष्ठता सूची में कई विसंगतियाँ सामने आई हैं। अधिकांश शिक्षकों ने अपने अंतर्निकाय स्थानांतरण के संबंध में सूची में गलत जानकारी होने का आरोप लगाया है, जिससे उनकी वरिष्ठता प्रभावित हुई है।
जिला शिक्षा अधिकारियों पर आरोप
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के अंतर्निकाय स्थानांतरण की जानकारी वरिष्ठता सूची में अंकित नहीं की गई। इसकी वजह से जारी वरिष्ठता सूची में भारी गड़बड़ है। संचालनालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि समय-समय पर शिक्षकों को वरिष्ठता सूची में आवश्यक जानकारी अंकित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से स्थिति गंभीर हो गई।
सत्यापन अभियान की अवधि
इस गंभीर स्थिति का समाधान करने के लिए संचालनालय ने एक सत्यापन अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, 01.04.2023 की स्थिति में जारी वरिष्ठता सूची का प्रत्येक शिक्षक के स्तर पर सत्यापन किया जाएगा।
सत्यापन का कार्यक्रम इस प्रकार है:
- संकुल स्तर: 15 जून से 20 जून तक
- जिला स्तर: 21 जून से 24 जून तक
- संभाग स्तर: 26 जून से 28 जून तक
- संचालनालय स्तर: 1 जुलाई 2024 तक
शिक्षकों में असंतोष
इस घटनाक्रम के बाद शिक्षकों में असंतोष फैल गया है। शिक्षक संघों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए और वरिष्ठता सूची में सही सुधार किए जाने चाहिए।
सरकार की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन शिक्षा मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है।
यह घटना एक बार फिर से मध्य प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त अराजकता को उजागर करती है। इस तरह की घटनाओं से शिक्षकों में निराशा और हताशा पैदा होती है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता है।