Seasonal Farming:मौसमी खेती आमतौर पे मौसम के हिसाब से की जाने वाली खेती को कहते है इसमें मौसम के अनुकूल ही फसल लग सकती है उन फसलों की रोपाई की जाती है। मौसम के अनुकूल होने वाले फल तथा सब्जियों का उत्पादन सही मौसम देख के किया जाता है खेती में मौसम का खास ध्यान रखा जाता है और उसी के अनुसार seasonal Farming की जाती है। जिसे सीजनल फार्मिंग कहते है।
Mosambi Ki Kheti एक मेहनती किसान का सपना होता है की वो अपनी खेती से हमेशा एक अच्छा मुनाफा कमाए जिससे की उसके और उसके परिवार का रोजमर्रा जीवन चल पाए। लेकिन साधनो की कमी या किसी एक फसल की ही जानकारी होने से वह किसान अपने सपने को पूरा करने में असफल हो जाता है। लेकिन अगर आप एक प्रगतिशील किसान है जो की अपने खेती के हुनर से अमीर तथा एक सफल किसान बनना चाहते है तो हम जिस फल की खेती आपको बताने जा रहे है इसपे थोड़ा गौर फरमाए और ध्यान से जाने की कैसे इस फल की खेती की जाती है।
Mausmabi Ki Kheti Kaise Kare
मौसम्बी एक ऐसा फल है जो की आमतौर पर गर्मियों में पाया जाता है। इस फल में विटामिन सी ,अन्य सभी पोषक तत्व पाए जाते है। जिसे जूस के रूप में ग्रहण कर सके है। इसकी खेती में उपयुक्त मिटटी और सही मात्रा में खाद्य सामग्री का उपयोग होना चाहिए साथ ही खाद्य सामग्री की उच्च स्तर की उपयोग की जानी चाहिए। सही समय पर जल की सिचाई और एक अच्छी देखभाल से मोसम्बी की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
Mosambi Cultivation
भारत देश में मौसम्बी की खेती के लिए सामान्य बनावट वाली दोमट मिटी अच्छी उपयोगी मानी जाती है। इसकी खेती करने से पहले आपको खेत की मिटटी की जाँच करवा लेनी चाहिए। खेत में मिटटी के Ph Value का खास ध्यान रखे ,मौसम्बी की खेती के लिए खेत की मिटटी की Ph Value 6 से 7 के बिच होनी चाहिए।
मौसम्बी की खेती का समय
भारत में मौसम्बी के पौधों की रोपाई के लिए जून और अगस्त का महीना उचित माना जाता है। क्यकि यह फल मानसून का समय देखता है। बारिश के मौसम में मौसम्बी के पौधे अच्छी तरह से विकसित होते है। यदि आप अच्छे से इसके पौधों की देखभाल करते है तो ये पौधे 4 साल बाद मौसम्बी के उत्पादन के लिए तैयार हो जायेंगे।
मौसम्बी के पौधों की सिचाई कब कब करनी चाहिए
मौसम्बी के खेती में लगाए गए पौधों को स्थिर होने में 2 महीने का समय लगता है। मौसम्बी के पौधों में नियमित सिचाई करनी चाहिए इसकी सिचाई करने के लिए ड्रिप का प्रयोग करे। ग्रीष्म ऋतू के मौसम में पौधों को 5 से 10 दिन के अंतराल में तथा सर्दियों के मौसम में 10 से 15 दिन के अंतराल में पानी दे। इसी के साथ बारिश के मौसम में जल भराव न हो इसका विशेष ध्यान रखे।
मौसम्बी की खेती के लिए जलवायु कैसी हो
मौसम्बी की खेती करने के लिए सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम उपयुक्त माने जाते है तथा दोनों ही जल वाई इसके लिए अनुकूल है। यदि आप नमी और बारिश वाले इलाके में इसकी खेती करते है तो पौधों में रोग और किट लगने का खतरा बना रहता है।
मौसम्बी की पैदावर 4 साल में अधिक बढ़ जाती है ,4 साल बाद के एक पौधे मै लगभग 20 से 50 Kg फल हो जाते है। अगर आप मौसम्बी के 100 पेड़ भी लागते है और उसमे से फल की गिनती करते है तो 50 क्विंटल के लगभग आपको फल प्राप्त हो जाते है। 50 क्विंटल मौसम्बी से एक अच्छी कमाई की जा सकती है। जिससे की किसान इस खेती को करके लागत से ज्यादा पैसे कमा लेता है।